अंग्रेजी राज्य के पूर्व मुसलमानी राज्य में जमीन की कोई ऐसी व्यवस्था नहीं की गई थी जिससे जमीनदार अपनी जमीनदारी को अपनी जमीन और किसान अपने काश्त को खेती समझें।


मुसलमानी राज्य के समय में जमीनदारों तथा कृषकों को भी कुछ ही दिनों के लिए जमीन की बंदोबस्ती दी जाती थी और फिर कुछ दिनों के बाद एक से लेकर दूसरे के साथ बंदोबस्त कर दी जाती थी इसलिए जमींदार और कृषक जमीन की उन्नति के लिए कोई व्यवस्था नहीं कर पाते थे मुसलमानी राज्य के पश्चात जब अंग्रेजी राज्य की दृढ़ स्थापना हुई तो कर वसूलने में अनेकों प्रकार की कठिनाइयां होने लगीं। अंग्रेजों ने सन् 1873 ई० में जमींदारों के अधीन वाली जमीन को दोमामी (स्थाई) बंदोबस्त कर दिया।सन 1885 ई० में सरकार ने बंगाल बिहार और उड़ीसा के लिए बंगाल टेनेंसी एक्ट या कानून लगान नामक नियम बनाया जिसके अनुसार आज भी सर्वे सेट्लमेंट बंदोबस्त जारी है।इसी नियम (एक्ट) के अनुसार किसानों को जमीन पर स्थाई अधिकार (हक) दिया गया।